भारत का अनोखा गांव जहां नाम से नहीं, बल्कि सीटी बजाकर बुलाते हैं लोग

Published on: February 16, 2025

unique village in india

भारत विविधताओं का देश है, जहां हर कोने में एक अनूठी परंपरा देखने को मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में एक ऐसा गांव भी है जहां लोग एक-दूसरे को नाम से नहीं, बल्कि सीटी बजाकर पुकारते हैं? यह परंपरा न सिर्फ अनोखी है, बल्कि इसे देखने और समझने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं।

कहां स्थित है यह रहस्यमयी गांव?

यह अद्भुत गांव मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले में स्थित है और इसका नाम कांगथोंग (Kongthong) है। यह गांव अपनी अनूठी परंपरा के कारण दुनियाभर में प्रसिद्ध हो चुका है। यहां के लोग एक-दूसरे को नाम से नहीं, बल्कि अलग-अलग सुरों में सीटी बजाकर बुलाते हैं। यह परंपरा "जिंगरवाई लॉबू" (Jingrwai Lawbei) के नाम से प्रसिद्ध है, जिसका अर्थ है "मां का गीत"

इस परंपरा की जड़ें सदियों पुरानी हैं। माना जाता है कि यह परंपरा तब शुरू हुई थी जब जंगलों में संचार का कोई साधन नहीं था। घने जंगलों और पहाड़ों के बीच बसे इस गांव में लोग एक-दूसरे को पुकारने के लिए एक विशिष्ट संगीतमय ध्वनि का उपयोग करते थे, ताकि आवाज दूर तक सुनाई दे सके। धीरे-धीरे यह एक परंपरा बन गई और आज भी यहां हर व्यक्ति का एक अनोखा सीटी नाम होता है, जिसे उसकी मां बचपन में ही तय करती है।

 

हर व्यक्ति का होता है अलग 'सीटी नाम'

कांगथोंग गांव में पैदा होने वाले हर बच्चे को उसकी मां एक विशेष संगीतमय सीटी ध्वनि देती है। यह ध्वनि व्यक्ति की पहचान बन जाती है और जीवनभर उसे उसी से पुकारा जाता है। हालांकि, सरकारी दस्तावेजों और औपचारिक कागजातों में पारंपरिक नाम ही दर्ज किए जाते हैं, लेकिन गांव में संचार का मुख्य माध्यम यही सीटी भाषा होती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस अनूठी परंपरा के पीछे ध्वनि विज्ञान काम करता है। चूंकि यह गांव पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरा हुआ है, इसलिए सामान्य आवाज़ें दूर तक नहीं पहुंच पातीं। लेकिन संगीत या सीटी की आवाज़ अधिक दूरी तक स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है। यही कारण है कि सदियों से गांववालों ने इसे अपनी भाषा का हिस्सा बना लिया।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़: 18 की मौत, 25 से ज्यादा घायल

विश्व में अन्य जगहों पर भी है ऐसी परंपरा

ऐसी ही परंपराएं दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में भी देखने को मिलती हैं। स्पेन के कैनरी द्वीप समूह में "सिल्बो गोमेरो" नामक एक सीटी भाषा प्रचलित है, जिसका उपयोग स्थानीय लोग संवाद के लिए करते हैं। इसी तरह, तुर्की और मेक्सिको के कुछ गांवों में भी ऐसी अनोखी ध्वनि-आधारित भाषाओं का उपयोग किया जाता है।

पर्यटन और वैश्विक पहचान

कांगथोंग गांव की यह अनूठी परंपरा अब दुनिया का ध्यान आकर्षित कर रही है। भारत सरकार और स्थानीय प्रशासन ने इसे "सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव" के रूप में मान्यता दी है, ताकि इस परंपरा को संरक्षित किया जा सके और यहां पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सके।

कांगथोंग गांव भारत की सांस्कृतिक विविधता का एक अद्भुत उदाहरण है। यह न केवल परंपरा और विज्ञान का एक अनूठा संगम प्रस्तुत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर जीवन जीने की कला कितनी अनमोल हो सकती है। आधुनिक तकनीक के बढ़ते प्रभाव के बावजूद, इस गांव के लोग अपनी जड़ों से जुड़े रहने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस अनोखी परंपरा का अनुभव कर सकें।

Related Articles

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'Truth Social' पर एक AI जनरेटेड इमेज पोस्ट की है, जिसमें वे पोप की पोशाक में नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में पोप फ्रांसिस का निधन हुआ है, और ईस
क्रिकेट में खिलाड़ी तो सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन अंपायर की भूमिका भी उतनी ही अहम होती है। क्या आपने कभी सोचा है कि एक अंपायर को एक मैच के लिए कितनी सैलरी मिलती है?
भारत के बिहार राज्य का मधुबनी जिला अपने अनोखे रेलवे कनेक्शन के कारण विशेष पहचान रखता है। यह देश का एकमात्र ऐसा जिला है जहाँ भारत और नेपाल दोनों के रेलवे स्टेशन मौजूद हैं, और दोनों देशों की ट्रेनें इसी ज़िले से होकर

About Author

नमस्ते! मैं एक कंटेंट राइटर हूं, जिसे खेल, मनोरंजन और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों से जुड़ी खबरों और जानकारियों में गहरी रुचि है। इस ब्लॉग के माध्यम से, मैं इन क्षेत्रों की ताजा खबरें, विश्लेषण, और विशेषज्ञ विचारों को सरल और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत करती हूं।

मेरा उद्देश्य इसे हर पाठक के लिए सहज और रोचक बनाना है। मेरा मानना है कि सही जानकारी न केवल ज्ञान बढ़ाती है, बल्कि बेहतर निर्णय लेने में भी मदद करती है। चाहे आप खेल से जुड़ी खबरों या मनोरंजन के है शौकीन
तो मेरा कंटेंट आपके लिए उपयोगी और जानकारीपूर्ण होगा। आपकी प्रतिक्रियाएं और सुझाव मेरे लेखन को और बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। धन्यवाद!