डमरू की ध्वनि से गूंजता जटोली शिव मंदिर, जानिए एशिया के सबसे ऊँचे शिवधाम का रहस्य।

Published on: February 15, 2025

Jaloti shive temple

भारत में शिव भक्ति का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है, और इसी कड़ी में कई रहस्यमयी शिव मंदिरों की गाथाएं जुड़ी हुई हैं। इन्हीं में से एक है हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित जटोली शिव मंदिर, जो अपनी अद्भुत स्थापत्य कला और रहस्यमयी ध्वनियों के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर न केवल एशिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर माना जाता है, बल्कि इसकी दीवारों और पत्थरों से डमरू जैसी ध्वनि निकलने का दावा भी किया जाता है। यह रहस्य भक्तों और शोधकर्ताओं दोनों को ही चौंका देता है।

जटोली शिव मंदिर का इतिहास और महत्व

जटोली शिव मंदिर का निर्माण प्राचीन काल में हुआ था, लेकिन आधुनिक रूप इसे 20वीं शताब्दी में मिला। कहा जाता है कि यह स्थान स्वयं महादेव की तपोस्थली रहा है, और यहाँ उन्होंने गहन तपस्या की थी। मंदिर के नाम में "जटोली" शब्द का प्रयोग भगवान शिव की जटाओं से जुड़ा हुआ है, जो यहाँ उनकी उपस्थिति का प्रतीक मानी जाती है।

मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली से प्रेरित है, जिसमें ऊँची-ऊँची मीनारें और शिखर हैं। इसका मुख्य शिखर 111 फीट ऊँचा है, जो इसे एशिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर बनाता है। मंदिर के गर्भगृह में स्थित शिवलिंग अत्यंत दिव्य और शक्तिशाली माना जाता है।

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पत्थरों से डमरू की ध्वनि का रहस्य

इस मंदिर से जुड़ा सबसे बड़ा रहस्य इसके पत्थरों से निकलने वाली डमरू जैसी ध्वनि है। स्थानीय श्रद्धालुओं और पर्यटकों का दावा है कि जब मंदिर की दीवारों और कुछ खास पत्थरों पर हल्की थाप दी जाती है, तो उनमें से डमरू की आवाज़ सुनाई देती है।

विज्ञान की दृष्टि से देखें तो यह रहस्य अभी तक पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुआ है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मंदिर में प्रयुक्त पत्थरों की संरचना और उनके भीतर वायु गुहाओं (air cavities) के कारण यह ध्वनि उत्पन्न हो सकती है। जबकि अन्य लोगों का कहना है कि यह शिव की लीला और मंदिर की दिव्यता का प्रमाण है।

 

पौराणिक मान्यता और चमत्कारिक घटनाएं

पौराणिक मान्यता के अनुसार, यह स्थान भगवान शिव के प्रिय स्थलों में से एक रहा है। कई साधु-संतों ने यहाँ तपस्या की और दिव्य सिद्धियाँ प्राप्त कीं। कहा जाता है कि यहाँ जलने वाला अखंड धूना (धूप-अगरबत्ती का स्थान) सदियों से कभी बुझा नहीं है।

भक्तों का मानना है कि इस मंदिर में आने से मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं। महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहाँ भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं।

कैसे पहुंचे जटोली शिव मंदिर?

यह मंदिर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है और सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन सोलन रेलवे स्टेशन है, और हवाई मार्ग से आने वाले श्रद्धालु चंडीगढ़ हवाई अड्डे तक आकर वहाँ से सड़क मार्ग से मंदिर तक पहुँच सकते हैं।

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